Hindi mae Knowledge

*📻🍂1.सुप्रीम कोर्ट के चार जजों द्वारा उठाए गए मुद्दों का असर :
कामकाज में अब*
 और दिखेगी पारदर्शिता

• सुप्रीम कोर्ट के कामकाज में अब और पारदर्शिता दिखेगी। दिल्ली हाईकोर्ट तथा कई अन्य हाईकोटरे की तर्ज पर रोस्टर तैयार किया जाएगा, जिससे न्यायाधीशों के बीच कामकाज का बंटवारा सार्वजनिक रहेगा। सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों द्वारा पारदर्शिता को लेकर उठाए गए मुद्दों पर बुधवार को उनकी सीजेआई के साथ एक बार फिर बैठक हो सकती है।

• सूत्रों के अनुसार, रोस्टर को लेकर उठाए गए सवालों पर विचार-विमर्श का दौर जारी है। जस्टिस जस्ती चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने 12 जनवरी को संवाददाता सम्मेलन में पारदर्शिता को लेकर अपना मत व्यक्त किया था। उसी के बाद से रोस्टर को और अधिक कारगर बनाने के प्रयास जारी हैं।

• बताया जाता है कि रोस्टर में न्यायाधीशों के कामकाज का बंटवारा किया जाएगा, जिससे किसी भी तरह का भ्रम पैदा न हो। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी रोस्टर को दिल्ली हाईकोर्ट की तर्ज पर तैयार करने की मांग की थी। बार एसोसिएशन के पदाधिकारी इस सिलसिले में सीजेआई से मिल चुके हैं।

*📕कामकाज छीना*

 इस बीच, जजों के नाम पर रिश्वत के कथित मामले में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय जांच रिपोर्ट के आधार पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस एसएन शुक्ला से न्यायिक कामकाज छीन लिया है। मेडिकल कालेजों में दाखिलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद हाई कोर्ट ने एक मेडिकल कालेज को एमबीबीएस में दाखिले की अनुमति प्रदान कर दी थी।

• सीजेआई ने मद्रास हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस इन्द्रा बनर्जी, सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एसके अग्निहोत्री और मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जज जस्टिस पीके जायसवाल को आंतरिक जांच का जिम्मा सौंपा था। तीन सदस्यीय टीम ने जस्टिस शुक्ला के कामकाज को न्यायिक मर्यादाओं के विपरीत पाया था। बताया जाता है कि रिपोर्ट पर अमल करते हुए सीजेआई ने जस्टिस शुक्ला से इस्तीफा देने को कहा।

• उनके इस्तीफा देने से इंकार करने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को जस्टिस शुक्ला से न्यायिक काम वापस लेने की सिफारिश की गई। सीजेआई जजेज इन्क्वायरी एक्ट,1968 के तहत राष्टपति से जस्टिस शुक्ला को पद से हटाने की सिफारिश कर सकते हैं। उसके बाद महाभियोग की कार्रवाई शुरू हो सकती है।

*2.🌎 दुनिया का छठा सबसे अमीर देश बना भारत*

• दुनिया के सबसे धनी देशों की सूची में भारत को छठा स्थान मिला है। देश की कुल संपत्ति 8230 अरब डालर है। इस सूची में अमेरिका शीर्ष स्थान पर काबिज है। न्यू र्वल्ड वेल्थ की रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

• रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में 64,584 अरब डालर की कुल संपत्ति के साथ अमेरिका विश्व का सबसे धनी देश है। अमेरिका के बाद 24,803 अरब डालर की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर चीन और तीसरे स्थान पर जापान (19,522 अरब डालर) है। सूची में ब्रिटेन को चौथे स्थान (9919 अरब डालर), जर्मनी 5वें (9660 अरब डालर), फ्रांस 7वें (6649 अरब डालर), कनाडा 8वें (6393 अरब डालर), आस्ट्रेलिया 9वें (6142 अरब डालर) और इटली 10वें (4276 अरब डालर) स्थान पर हैं।

• रिपोर्ट में देश को 2017 में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला संपत्ति बाजार बताया गया है। देश की कुल संपत्ति 2016 में 6584 अरब डालर से बढ़कर 2017 में 8230 अरब डालर हो गई है, इसमें 25 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई।

• इसमें कहा गया है कि पिछले दशक (2007-2017) में देश की कुल संपत्ति 2007 में 3165 अरब डालर से बढ़कर 2017 में 8230 अरब डालर हो गई है। इसमें 160 फीसद का उछाल आया।
• करोड़पतियों की संख्या के लिहाज भारत दुनिया का सातवां सबसे बड़ा देश है। यहां 20,730 करोड़पति हैं। जबकि अरबपतियों के लिहाज से देश का स्थान अमेरिका और चीन के बाद विश्व में तीसरा है। यहां 119 अरबपति हैं।

*3.📙⛩ ईरानी मिसाइलों पर कार्रवाई से बच सकता है परमाणु करार : हेली*

• संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि निक्की हेली ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अन्य देशों को इस बात के लिए प्रोत्साहित कर रहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिस परमाणु समझौते को नापसंद करते हैं उसे वह भी रद्दकर दें और ईरानी मिसाइलों के खिलाफ कार्रवाई तथा अन्य गैर-परमाणु उल्लंघनों पर ध्यान केंद्रित करें।

• निक्की सुरक्षा परिषद के साथी राजदूतों को वांिशगटन लेकर आई थीं। उन्होंने सुझाव दिया कि बैलिस्टिक मिसाइलों पर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के उल्लंघन पर ईरान को दंडित करने के लिए एक सम्मिलित नियंतण्र प्रयास ट्रम्प को इस बात का भरोसा दिला सकता है कि परमाणु समझौते में बने रहना उपयुक्त है।

• उन्होंने कहा, फ्रांस वर्ष 2015 के परमाणु समझौते की बातचीत करने वाले समूह का एक प्रमुख सदस्य था और उसने भी बैलिस्टिक मिसाइल प्रस्तावों के उल्लंघन के लिये हाल में ईरान पर सख्त लहजे में ‘‘प्रहार करना’ शुरू किया है।निक्की ने कहा, यह काम कर रहा है। वह इस बात को स्वीकार करने लगे हैं कि अगर हम उल्लंघनों के बारे में बातचीत शुरू नहीं करते, उन्हें मदद के लिये नहीं पुकारते, तो अमेरिका यही कहने वाला है कि यह सारी बातें ढोंग हैं।

• ईरान की मुखर आलोचक रहीं निक्की सुरक्षा परिषद के अन्य दूतों को मिसाइल के उन हिस्सों को यह दिखाने के मकसद से वांिशगटन स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डा लेकर आयी थीं कि अमेरिका यमन में ईरान-समर्थित हूथी विद्रोहियों को निषिद्ध मिसाइलों के अवैध ईरानी हस्तांतरण का सबूत बता सके।

• ट्रंप प्रशासन अपनी इस बात पर कायम है कि मिसाइलों के यह टुकड़े हूथियों द्वारा यमन से प्रक्षेपित किये जाने के बाद सऊदी अरब में बरामद किया गया था। इनमें ऐसे चिह्न हैं जो इसके ईरान-निर्मित होने की पुष्टि करते हैं। बहरहाल कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों ने साक्ष्यों के पुख्ता होने पर सवाल उठाए हैं।

No comments:

ADS

Powered by Blogger.